भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा पर आज फिर तनाव है. सोमवार को पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने मेंढर में मोर्टार दागे और शहीद हुए 2 भारतीय जवानों के शव के साथ बर्बरता की. पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम ने भारतीय सीमा में 250 मीटर घुसकर जवानों के शव को छत-विक्षत किया. इसके बाद इंडियन आर्मी को सरकार की ओर से खुली छूट दी गई और भारतीय सेना ने करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान की दो सीमा चौकियों को ध्वस्त कर दिया और 7 पाकिस्तानी सैनिकों को ढेर कर दिया.
इससे पहले कुलगाम में आतंकी हमला हुआ, इसी हफ्ते कुपवाड़ा में सेना के बेस पर आतंकी हमला हुआ. कश्मीर में पाक-प्रायोजित पत्थरबाजी की घटनाओं में तेजी आती दिखी और आतंकियों के नए वीडियो से कश्मीर में दहशत फैलाने की कोशिश तेज होती दिखी. पाकिस्तान से बदला लेने की भारत में तेज होती मांग के बीच यहां सवाल उठने लगा है कि आखिर पाकिस्तान चाहता क्या है? आखिर पाकिस्तान भारत को अभी ही क्यों उकसा रहा है?
1. नवाज सरकार मुश्किल में
पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों की मुश्किल ये रही है कि जब भी वहां की सरकार अंदरूनी मुश्किलों का सामना नहीं कर पाती तो भारत के साथ बॉर्डर पर तनाव बढ़ाने में लग जाती है. अभी नवाज सरकार पनामा पेपर लीक मामले में मुसीबत में है. विपक्षी दल इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं, कोर्ट में सरकार बैकफुट पर है. ऐसे में अंदरूनी संकट से ध्यान हटाकर भारत के बॉर्डर पर बढ़ रहे तनाव को मोहरा बनाने की कोशिश इसमें साफ दिख रही है.
2. अफगान बॉर्डर पर PAK सेना के सामने संकट
अफगानिस्तान बॉर्डर पर आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई में विफल होते देख पाकिस्तानी सेना की कोशिश भी भारत के बॉर्डर पर तनाव बढाने की ओर गया है. अफगान बॉर्डर पर अमेरिका ने भी पाकिस्तानी आतंकी समूहों के खिलाफ सख्ती दिखाई है. ऐसे में अपनी बेइज्जती से बचने के लिए पाकिस्तानी सैन्य हुक्मरान भारत की सीमा पर तनाव बढ़ाने के लिए कायराना हरकतों का सहारा ले रहे हैं. मेंढर में हुई कायराना कार्रवाई उसी इलाके में पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा के दौरे और भारत के खिलाफ जहर उगलने के एक दिन बाद हुई है.
3. बलूचिस्तान-गिलगित-PoK में आजादी की आवाज तेज
हाल के दिनों में पाकिस्तान के अंदर बलूचिस्तान-गिलगित और PoK में आजादी की आवाज तेज हुई है. गिलगित-बालटिस्तान में तो स्थानीय नेता यहां तक कहने लगे हैं कि अगर जनमत संग्रह करा लिया जाए को भारत के साथ मिल जाएंगे. पाक-अधिकृत कश्मीर में भी पाकिस्तान के खिलाफ सुर बुलंद हुए हैं. बलूचिस्तान में आजादी की मांग दबाने के लिए पाकिस्तान दमन पर ही उतर आया है. भारत ने बलूचिस्तान में आजादी की मांग को खुले समर्थन का ऐलान भी किया है ऐसे में पाकिस्तान कश्मीर बॉर्डर पर तनाव बढ़ाकर भारत को उलझाना चाहता है.
4. चीन की शह
अमेरिकी खेमे से निकलकर चीन के साथ गठजोड़ बनाने की कोशिश में लगे पाकिस्तान को चीन की शह भी भारत के साथ बढ़ती तल्खी का एक कारण हो सकता है. चीन पाकिस्तान से होकर 46 बिलियन डॉलर की बड़ी लागत से आर्थिक गलियारा बना रहा है. जिसके खिलाफ भारत ने आवाज बुलंद किया है. पाकिस्तान के कई हिस्सों में स्थानीय लोग भी चीन की इस परियोजना को साम्राज्यवादी कदम बता रहे हैं. पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ बैन लगवाने की भारत की कोशिशों को यूएन में चीन रोकता रहा है. ये हो सकता है कि अरुणाचल और लद्दाख में चीन को भारत की ओर से मिल रहे मुंहतोड़ जवाब और सीमा मसले को लेकर बढ़ी तल्खी के बीच चीन की शह पर पाकिस्तान भारत के साथ तल्खी बढ़ाकर कश्मीर में ही उलझाना चाहता है.
5. अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचने की कोशिश
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश लगातार करता रहा है. इस बार कश्मीर में पत्थरबाजी को बढ़ावा देकर फिर पाकिस्तान ने इसे आगे बढ़ाया है. इसी के साथ बॉर्डर पर तनाव बढ़ाकर पाकिस्तान इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उछालना चाहता है. दो दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने एलओसी का दौरा किया और कहा कि कश्मीरियों के संघर्ष में पाकिस्तान अपनी मदद जारी रखेगा. जाहिर है नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की साजिश कश्मीर मुद्दे को उछालने के लिए है.
इससे पहले कुलगाम में आतंकी हमला हुआ, इसी हफ्ते कुपवाड़ा में सेना के बेस पर आतंकी हमला हुआ. कश्मीर में पाक-प्रायोजित पत्थरबाजी की घटनाओं में तेजी आती दिखी और आतंकियों के नए वीडियो से कश्मीर में दहशत फैलाने की कोशिश तेज होती दिखी. पाकिस्तान से बदला लेने की भारत में तेज होती मांग के बीच यहां सवाल उठने लगा है कि आखिर पाकिस्तान चाहता क्या है? आखिर पाकिस्तान भारत को अभी ही क्यों उकसा रहा है?
1. नवाज सरकार मुश्किल में
पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों की मुश्किल ये रही है कि जब भी वहां की सरकार अंदरूनी मुश्किलों का सामना नहीं कर पाती तो भारत के साथ बॉर्डर पर तनाव बढ़ाने में लग जाती है. अभी नवाज सरकार पनामा पेपर लीक मामले में मुसीबत में है. विपक्षी दल इस्तीफे का दबाव बना रहे हैं, कोर्ट में सरकार बैकफुट पर है. ऐसे में अंदरूनी संकट से ध्यान हटाकर भारत के बॉर्डर पर बढ़ रहे तनाव को मोहरा बनाने की कोशिश इसमें साफ दिख रही है.
2. अफगान बॉर्डर पर PAK सेना के सामने संकट
अफगानिस्तान बॉर्डर पर आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई में विफल होते देख पाकिस्तानी सेना की कोशिश भी भारत के बॉर्डर पर तनाव बढाने की ओर गया है. अफगान बॉर्डर पर अमेरिका ने भी पाकिस्तानी आतंकी समूहों के खिलाफ सख्ती दिखाई है. ऐसे में अपनी बेइज्जती से बचने के लिए पाकिस्तानी सैन्य हुक्मरान भारत की सीमा पर तनाव बढ़ाने के लिए कायराना हरकतों का सहारा ले रहे हैं. मेंढर में हुई कायराना कार्रवाई उसी इलाके में पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा के दौरे और भारत के खिलाफ जहर उगलने के एक दिन बाद हुई है.
3. बलूचिस्तान-गिलगित-PoK में आजादी की आवाज तेज
हाल के दिनों में पाकिस्तान के अंदर बलूचिस्तान-गिलगित और PoK में आजादी की आवाज तेज हुई है. गिलगित-बालटिस्तान में तो स्थानीय नेता यहां तक कहने लगे हैं कि अगर जनमत संग्रह करा लिया जाए को भारत के साथ मिल जाएंगे. पाक-अधिकृत कश्मीर में भी पाकिस्तान के खिलाफ सुर बुलंद हुए हैं. बलूचिस्तान में आजादी की मांग दबाने के लिए पाकिस्तान दमन पर ही उतर आया है. भारत ने बलूचिस्तान में आजादी की मांग को खुले समर्थन का ऐलान भी किया है ऐसे में पाकिस्तान कश्मीर बॉर्डर पर तनाव बढ़ाकर भारत को उलझाना चाहता है.
4. चीन की शह
अमेरिकी खेमे से निकलकर चीन के साथ गठजोड़ बनाने की कोशिश में लगे पाकिस्तान को चीन की शह भी भारत के साथ बढ़ती तल्खी का एक कारण हो सकता है. चीन पाकिस्तान से होकर 46 बिलियन डॉलर की बड़ी लागत से आर्थिक गलियारा बना रहा है. जिसके खिलाफ भारत ने आवाज बुलंद किया है. पाकिस्तान के कई हिस्सों में स्थानीय लोग भी चीन की इस परियोजना को साम्राज्यवादी कदम बता रहे हैं. पाकिस्तानी आतंकियों के खिलाफ बैन लगवाने की भारत की कोशिशों को यूएन में चीन रोकता रहा है. ये हो सकता है कि अरुणाचल और लद्दाख में चीन को भारत की ओर से मिल रहे मुंहतोड़ जवाब और सीमा मसले को लेकर बढ़ी तल्खी के बीच चीन की शह पर पाकिस्तान भारत के साथ तल्खी बढ़ाकर कश्मीर में ही उलझाना चाहता है.
5. अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचने की कोशिश
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण की कोशिश लगातार करता रहा है. इस बार कश्मीर में पत्थरबाजी को बढ़ावा देकर फिर पाकिस्तान ने इसे आगे बढ़ाया है. इसी के साथ बॉर्डर पर तनाव बढ़ाकर पाकिस्तान इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उछालना चाहता है. दो दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने एलओसी का दौरा किया और कहा कि कश्मीरियों के संघर्ष में पाकिस्तान अपनी मदद जारी रखेगा. जाहिर है नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की साजिश कश्मीर मुद्दे को उछालने के लिए है.
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